मूर्तिकला ;
सामान्य तौर पर मूर्तिकला की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं लिया हूँ पर आरम्भ से ही इस विधा से वेहद लगाव रहा है मिटटी, चाक मिटटी (खरिया) और लकड़ी तथा सैंड स्टोन में आरम्भ में काम करता था परन्तु शहर आने के बाद ये विधाएं कमजोर हुयी थीं. पर कला उत्सवों के आयोजन में मूर्तिकला को शरीक करने पर मुझे लगा इस विधा में पुनः कार्य आरम्भ करना चाहिए सो 2007 के कैम्प में हमने यह पत्थर काटा जो दीप मेमोरियल स्कूल के संग्रह में है* ; उसके बाद इस विधा में निरंतर काम जारी है। उसी श्रृंखला से यह कृतियां -
सामान्य तौर पर मूर्तिकला की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं लिया हूँ पर आरम्भ से ही इस विधा से वेहद लगाव रहा है मिटटी, चाक मिटटी (खरिया) और लकड़ी तथा सैंड स्टोन में आरम्भ में काम करता था परन्तु शहर आने के बाद ये विधाएं कमजोर हुयी थीं. पर कला उत्सवों के आयोजन में मूर्तिकला को शरीक करने पर मुझे लगा इस विधा में पुनः कार्य आरम्भ करना चाहिए सो 2007 के कैम्प में हमने यह पत्थर काटा जो दीप मेमोरियल स्कूल के संग्रह में है* ; उसके बाद इस विधा में निरंतर काम जारी है। उसी श्रृंखला से यह कृतियां -
आनंद विहार तिराहे पर लगी निहारिका :
2007 के कैम्प में हमने यह पत्थर काटा जो दीप मेमोरियल स्कूल के संग्रह में है
ब्लैक मोर्बल -2007
इसके बाद तो मिटटी के कामको कोर्स में लगाया गया और छात्रों के साथ इसे एक आयाम दिया गया .
पुनः 2013 का कैम्प और मेरी ये कृति ;
और इसको यहाँ लगा दिया गया है
(गाजियाबाद कलेक्ट्रेट)
गाजियाबाद कलेक्ट्रेट
रचनात्मक संयोजन शिल्पकला उद्यान संजय नगर गाज़ियाबाद
गुजारी (कविनगर ) कलाधाम के प्रवेश द्वार पर।
आर -24 राजकुंज मेरे निजी आवास पर।
आर -24 राजकुंज मेरे निजी आवास पर।
कवि नगर तिराहे पर
कवि नगर स्थित कलाधाम की कार्यशाला
और 2014 में इनको बनाया.......
कवि नगर स्थित कलाधाम की कार्यशाला में जो अब आनंद विहार दिल्ली बार्डर
तिराहे पर लगी निहारिका : के साथ पत्नी के साथ मूर्तिकार डॉ लाल रत्नाकर
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